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Shayra dr. Zeenat ahsaan

Children Stories

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Shayra dr. Zeenat ahsaan

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सूरज सा चमकाओ

सूरज सा चमकाओ

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सूरज ने हैं आंखें खोली

धरती की किरणों से 

भर गई झोली 

मस्त पवन बहे सनन सन

भंवरे करते हरसू भून भून

नदियों की धारा है कल कल

टिट्रीरी टेरे पियू को पल पल

आम वृक्ष पर मोर हैं आए

काली कोयल कुह कूह गाये।

खेतों में है गीत मल्हार

मंदिर में बज उठा सितार

गाय भी हैं खूब रंभाएं

संग चरवाहे जंगल जाएं

दांतों को है सब ने चमकाया

 आलस को है दूर भगाया

जीवन में गर आगे है बढ़ना

सूरज के संग तुम भी उठना

आशाओं के दीप जलाओं

सूरज सा खुद को चमकाओं


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