सुनो राम मेरे !
सुनो राम मेरे !
त्रेतायुग से आज तक
अर्थात ,
रामायण काल से अब तक
हर काल में सीता
देती आई है अग्निपरीक्षा,
अब आखिर वो
क्यों देगी ,और
कब तक देगी अग्निपरीक्षा ?
राम तो केवल
रामायण काल में था
लेकिन हर काल का राम
जो कदापि राम नहीं ,
फिर भी दम भरता है
राम होने का
हर बार लेता है
सीता की अग्निपरीक्षा।
मगर अब बस ,
नहीं देगी अग्निपरीक्षा
कोई भी सीता
अब देनी होगी अग्निपरीक्षा
आज के राम को
इसलिए ,
कहती है सीता
सुनो राम मेरे ,
इक बात मेरी
ये त्रेतायुग नहीं ,
है ये कलयुग
जहां होगी
राम की अग्निपरीक्षा,
सुनो-सुनो ऐ राम मेरे !
