सुकून
सुकून
1 min
237
मैंने एक शाम ठहर कर
खुद से पूछा कि ये ज़िंदगी
सुकून क्या है
उसने आहिस्ते से
एक आराम कुर्सी पर
बिठाकर कहा
थोड़ी थोड़ी रोशनी
चाय की प्याली
और ..
और हाथों में मियाज़ी किताब।