सुकून की तलाश
सुकून की तलाश
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रिश्तों की भीड़ में
रहना नहीं मुझ को
अब तो सुकून की
तलाश रहती है....
होंगे परास्त बेबुनियादी ख़्वाब
अब तो सुकून की तलाश है
न उम्मीद किसी से यारों,
न ही कोई नुमाइंदगी
बेफिक्रे थे कल भी
कल से बेफिक्रे आज भी
अब तो खुद की
धुन में बढ़ने लगे हैं,
ख़ुद को ख़ुद से
तलाशना है मुझ को,
सच कहूँ तो यारों अब,
सुकून की तलाश है कब से।