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Vivek Agarwal

Others

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Vivek Agarwal

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सपने तेरे

सपने तेरे

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जो सब कहें सपने तेरे, मुश्किल बड़े तो क्या हुआ।

तेरी रज़ा तेरा सफर, अड़चन पड़े तो क्या हुआ। 

पथ पर अगर पत्थर पड़े, ठोकर लगे काँटे चुभें। 

आगे बढ़ो हिम्मत करो, गिर भी गये तो क्या हुआ।

जो धुन्ध में रस्ता कहीं, खोता लगे थमना नहीं। 

चलते चलो मंज़िल अगर, ना भी दिखे तो क्या हुआ।

होते हैं सच सपने सभी, कोशिश करो जी जान से।

थोड़े समय तुमने अगर, दुख भी सहे तो क्या हुआ।  

हर्फ़-ए-अना तुझको कभी, छू भी न पाये ध्यान रख।   

ऊँचाइयाँ तेरे कदम, छूती रहे तो क्या हुआ।

डरना नहीं डिगना नहीं, दिल में रखो ये हौसला। 

जलते हुये दुनिया अगर, फब्ती कसे तो क्या हुआ।

तेरे लिये मेरी दुआ तुझ पर रहे 'अवि' का करम।

रोशन रहे जो तीरगी, तुझको मिले तो क्या हुआ।



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