सफर अकेला है
सफर अकेला है
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यह दुनिया तो मुसाफिरों का मेला है
और यह सफर अकेला है
मंजिल की राह मै कोई इधर जाता है
तो कोइ उधर जााता है
लेकिन इन मतलबी लोगों के बीच कुछ नही पाता है
सफर सच्चा है
तभी तो अच्छा है।