सोलह श्रृंगार
सोलह श्रृंगार
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नव वधू डोली चढ़ी
करके सोलह श्रृंगार
छोड़ा आँगन बाबुल
लेकर सपने हजार।
माथे पे बिंदिया चमक उठी
सजा गले में हार।
बनी पिया की आंखों का तारा
करके सोलह श्रृंगार।
बजी बधाई घर आँगन
छाया हर्ष अपार
नव वधू आँगन में आई
करके सोलह श्रृंगार।