समानुभूति
समानुभूति
समानुभूति जिस दिन भी होगी।
सुखानुभूति स्वयंमेव ही होगी।
जब शिकायत किसी से भी ना होगी।
सब की समस्याओं की भी समझ होगी।
सहानुभूति सबसे होगी तो सुखानुभूति क्योंकर ना होगी?
जब समस्या सभी की समझ पाओगे।
समाधान भी तो तभी कर पाओगे।
कर्मों का फल अवश्य मिलता है
खुद भी समझोगे और समझा भी पाओगे।
प्रत्येक आत्मा में है वास परमात्मा का।
जब इतनी सी बात समझ जाओगे।
किसी प्राणी मात्र को तब तुम दुख तकलीफ ना दे पाओगे।
दर्द किसी प्राणी का जब तुम
स्वयं महसूस कर पाओगे।
यकीन करो उसके खुश होते ही
सारी खुशियां तुम भी पाओगे।
जीवन मस्त मौला सा होगा।
दर्द तुम्हें भला क्यों कर होगा।
परमात्मा के बंदे, परमात्मा के पास आते ही, तुम खुद भी परमात्मा रूप ही हो जाओगे।
समानुभूति जिस दिन भी होगी।
सब समस्याओं से मुक्ति उस दिन ही होगी।