श्रेष्ठ आत्मा की पहचान
श्रेष्ठ आत्मा की पहचान
मिट्टी से निकलकर मानव मिट्टी में मिल जाएगा
जो करे जन कल्याण वो महामानव कहलाएगा
निस्वार्थी बनकर तिनके का दान देने वाला भी
बड़े बड़े दाताओं से बड़ा महादानी कहलाएगा
प्रभु प्रेम के लिए जो करे जीवन को न्योछावर
औरों को प्यार देकर वो प्रेम देवता कहलाएगा
ज्ञान की गंगा को जन जन तक जो पहुंचाएगा
जग में सच्चा भागीरथ केवल वही कहलाएगा
अपने मन का मैल जिसने पूरा ही धो डाला हो
चार धाम किए बिना ही भाव से वो तर जाएगा
मृत्यु का भय जिसने अपने मन से मिटा दिया
बन्धनमुक्त होकर वही आत्म पंछी कहलाएगा
आत्म स्मृति रखकर जो प्रभु याद में खो जाए
अकाल मृत्यु से वो सदा के लिए मुक्ति पाएगा