शिक्षक
शिक्षक
'शि' में शिक्षा, 'र' में रक्षा,
'क' में भरी है कोमलता,
शिक्षक के हर अक्षर में
भरी है जीवन की साक्षरता,
जन्म से चाहे न हो,
नाता है ये जीवन भर का।
बच्चे सभी हैं अलग अलग पर,
टीचर सबको समानता से पढ़ाता,
आँख दिखाई,डांटा जो कभी,
फिर वही ढेर सारा प्यार बरसता,
जन्म से चाहे न हो,
नाता है ये जीवन भर का।
हर कला को सीखने में जो,
अपना उत्साह दिखाता ,
अपने श्रम से वो शिक्षक ही,
हर छात्र को निपुण बनाता,
जन्म से चाहे न हो,
नाता है ये जीवन भर का।
हर सफल व्यक्ति के साथ,
नाम मात-पिता का आता है,
उनको वहाँ देख कर वो,
गुरु खुशी से मुस्कुराता है,
जन्म से चाहे न हो,
नाता है ये जीवन भर का ।
