Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Manju Saini

Inspirational

4  

Manju Saini

Inspirational

शीर्षक: अपराजिता सी मैं

शीर्षक: अपराजिता सी मैं

1 min
402


जीवन चक्र में गतिमान

मैं और शरीर को साथ लिए

मैं चेतना के संगम में डूबती हुई

विचारधारा के प्रवाह में जीवन लिए

विरुद्ध दिशा में बहता पानी सा अहम लिए

उम्र के अंतिम पड़ाव पर पहुंच भी नहीं समझी

कि क्यों और कैसे होता हैं यह विलय और

कौन हूं आखिर मैं..

एक प्रश्न टीस देता है अंत में कि आखिर क्यों..?

जीवन मिला ,क्यों जीया, क्यों जाना, क्यों फिर से आना

मुझे लगता है जैसे मैंने प्रश्न की सूची ही निर्मित कर ली हैं

तुम्हें भी यहीं आना है हम सब को बार बार क्यों..?

पर तुम मिलकर फिर शरीर से भूल ही जाते हो कि

क्या है प्रकृति का नियम क्यों हैं ये सब

कौन हूं आखिर मैं..

नदी के पानी की गहराइयों में डूबा सा अन्तः मन मेरा

विलीन हो जाता हैं जैसे समुद्र का पानी

अपराजिता सी मैं आती हूँ जीवन चक्र में पुनः पुनः

कदाचित यही क्रम एक जन्म दर जन्म चलता है

हमें महासागर से जीवन में अपने को जानना है

अतल तल तक जाकर स्वयं को जानना कि

कौन हूं आखिर मैं..

और तब कहीं जाकर स्वयं के साथ हो सकता है न्याय

हमें जीवन को शरीर के साथ मिलकर पहचानना हैं

चिर निद्रा में विलीन हो उससे पहले ही मैं कौन हूँ

क्यों हूँ, कब तक हूँ, कहाँ हूँ, किसके लिए हूँ

ये सब प्रश्न शांत करने हैं

प्रश्न बहुत है …

कब तक पता नहीं..



Rate this content
Log in