STORYMIRROR

Swaraangi Sane

Others

2  

Swaraangi Sane

Others

शहादत

शहादत

1 min
145

लड़कियाँ देख रही हैं सपने साथ-साथ

बता रही हैं एक दूसरे को

मनोवांछित जो देखा


माँएं कितनी भी दे आवाज़ें

भैया बुलाए दस बार

अभी तो चुन रही हैं वे

अपने लिए सुयोग्य घर-वर


कल हो जाएगी उनकी शादी

उसे नहीं कहा जाएगा शहादत

वे पहनेंगी लाल जोड़ा  

जबकि लिपटना चाह भी

रही होंगी तिरंगे में तब भी


वे जो बैठी हैं पास-पास

उन्हें भी मालूम है अच्छी तरह

घर और वर का चुनाव

उनका नहीं होता    


जनतंत्र दूर है

लड़कियों से अब भी।


Rate this content
Log in