सैनिक
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तिरंगे से लिपटे इन ताबूतों में कुछ लाल मां के सोये हैं,
कुछ चंद परिवारों ने ही नहीं, देश ने सच्चे सपूत खोये हैं।
आज चुप हैं वो लोग जो कल तक हँसते गाते थे,
भारत माँ के चरणों मे हरदम प्राण लुटाते थे।
नम आँखें हो जाती हैं अपनी तो तस्वीरों से,
सोचो क्या बीत रही होगी परिवारों पे वीरों के।
अब गर्व नहीं होता क्रोध आता है शहादत पर,
कब तक आँसूं बहायेंगे वीरों के बलिदान पर।
जैसे आज वो तड़पे है दुश्मन को भी तड़पना होगा,
अब इन्हें भी यूँही बेमौत मरना होगा।