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Chetna Sharma

Others

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Chetna Sharma

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सात वचन

सात वचन

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प्रथम वचन :


पत्नी उवाच:

थामकर तुम्हरा हाथ में सजना,

निर्झरा सी बह जाऊं।


पति उवाच:

जीवन तुझ से ही उज्जवल,

आज हदृय से मै यह कह जाऊं।


द्वितीय वचन:


पत्नी उवाच:

जानकी सी बनूगीं सजना,

हर कष्ट तुम संग सह जाऊं।


पति उवाच:

राम की तरह तुम्हे अपनाऊ,

किसी और को मै न कभी चाहूं।


तृतीय वचन:


पत्नी उवाच:

तेरे आंगन की फुलवारी को ,

दे प्रेम सुधा मै महकाऊ।


पति उवाच:

तेरे जीवन मे बन बंसत ,

तेरे तन -मन को मै महकाऊ।


चतुर्थ वचन:


पत्नी उवाच:

प्रीति ,स्नेह की डोरी से,

हर रिश्ते को मैं बाधूगी।


पति उवाच:

जिस पथ पर चलोगी तुम,

उस पथ का हर कांटा बुहारूगां।


पंचम वचन:


पत्नी उवाच:

हमारी प्रेम भरी फुलवारी मे

नवपल्लव विकसित हो संचार करे।


पति उवाच:

हर फल को छाया पहुचाऊ,

ऐसा भारी वृक्ष बन जाऊं।


षष्टम वचन:


पत्नी उवाच:

तो करू गृहप्रवेश,छोड़कर हर मै द्वेष,

जीवनभर थामकर तुम्हरे संग चलू।


पति उवाच:

तेरी मांग भरूं तेरे साथ चलूं,

यह वचन मै आज तुझसे भरूं।


सप्तम् वचन:


पत्नी उवाच:

जीवन की जब हो सांझ पिया,

तुम्हरे कांधे की मै सैर करूं।


पति उवाच:

तेरे बिन जीवन कैसा सजनी,

तेरे साथ जीऊं तेरे साथ मरूं।।


पति - पत्नी दोनों संग:


थाम के हम दोनो एक दूजे का हाथ,

इस शुभ मगंल बेला यह सभी वचन भरते है आज।।






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