Ashutosh Kumar

Others

4.0  

Ashutosh Kumar

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Σ I

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वो कहते हैं ‘खुश रहो’

पर रहने कहाँ देते हैं !


TV on कर खुश ही तो था मैं 

कि रिमोट लेकर चल देते हैं !


दोस्तों के साथ हंस ही तो रहा था मैं 

कि liver/heart की बात शुरू कर देते हैं !


उनके अपनो को गले ही तो लगाया था मैंने 

फिर बार-बार पैरों पर झुका क्यूँ देते हैं !


बलि का बकरा बन मुस्कुराया ही तो था मैंने 

पर झटका नहीं, हलाल करने पर क्यूँ आमादा हैं !


जीवन का साथ उल्लास से ही माँगा था मैंने 

अब आँखों में आंसू लिए साथ-साथ घूमते हैं !


कहते फिर भी हैं कि खुश रहो

लेकिन न रहते हैं, न रहने देते हैं !


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