ऋतुराज बसंत का हुआ आगमन
ऋतुराज बसंत का हुआ आगमन
हवा है बदली-बदली सी
चहूँ ओर है उमंग-ही-उमंग
बच्चे-बूढ़े के चेहरे पर भी है उमंग
शायद ऋतु है फिर से बदली
ऋतुराज बसंत का हुआ आगमन।।
सरसों भी है खेतों में झूम रही
भँवरे भी है खूब गुन-गुना रहे
सर्वत्र है खुशियों का मौसम
शायद ऋतु है फिर से बदली
ऋतुराज बसंत का हुआ आगमन।।
ठंड निर्दयी चली गई है
अब अपने कक्ष की ओर
सूरज भैय्या छुट्टी पर से आ गए हैं वापस
शायद है ये संकेत ऋतु है फिर से बदली
ऋतुराज बसंत का हुआ आगमन।।
सूरज भैय्या ठंड के दिनों में
खेलते थे लुका छिपी का खेल
अब फिर से अपने रुप में आ गए हैं वो
शायद है इस बात का संकेत ऋतु है बदली
ऋतुराज बसंत का हुआ आगमन।।