रणबांकुरा सूरवीर
रणबांकुरा सूरवीर
जोशिले रणबांकुरे सूरवीर जद रण री
रणभेदी बाजे जद ले हाथ खड़ग तलवार भालो
ढाल कमर कसे घुड़सवारी सेना में शामिल हुवे हैं।
रण में तलवार भालो चलावे।
अह सूरवीर दुश्मन पर टुुट पड़े।
रण में कदम कदई पीछे कोनी खिंचे।
खुद रो ढाल छू बचाव करें हैं।
घाव छाती में सहे पण रण में पीठ कोनी दिखावें हैं।
ऐडें राजस्थानी जोशिला सुुुरापुरा रणबांकुरा सूरवीरा
रो नाम इतिहास में भरयो पड़ियो हैं।
ऐडे़ सूरवीरा रो बखाण कवियों खुब भल्ली भांति
आपरी मौखली ऐतिहासिक कविताओं काव्य पाठों
कहानियां में कियो हैं।
ओह इतिहास लिखणे रो काम महान विद्वान कवियों
पुर्ण रूप छूं आछो तको निभायो हैं।
हिन्दूवा सुरज महाराणा प्रताप
हल्दीघाटी युद्ध संसार में प्रसिद्ध हुयों हैं।
जननी जणे तों ऐडा जणी के दाता के सुर नितर रहजे
बाझड़ी मती गमाजे नूर।