:रंगों का त्योहार
:रंगों का त्योहार
फागुनी बयार आया,
रंगों का त्योहार लाया।
होली खेलन चले नंदलाल
पिचकारी मे भरकर रंग।
निकले कृष्ण ग्वाल बाल संग,
लेके गुलाल चले नंदलाल।
राधा के संग होली खेलन,
बरसाने मे धूम मचायें
सब सखियन संग राधा रानी।
ललिता, विशाखा संग मे राधा,
होली रंग में रंगें बिहारी।
मोहन की मुरली,
राधा की पायलियाँ त्रिभुवन मोहें।
होली खेलन बरसाने मे आये,
इन्द्र, नारद और त्रिपुरारी।
लीला देख गिरीधर मुस्काये।।
फागुनी बयार आया,
रंगों का त्योहार लाया।
होली खेलन चले नंदलाल।
रंगों में रंगा सारा ब्रजधाम,
लाल पीला नीला गुलाबी
मौसम छाया गुलाबी गुलाबी।
फागुनी बयार आया,
रंगों का त्योहार लाया।