रंगीलो राजस्थान
रंगीलो राजस्थान
रेतिला रेगिस्तान, रंगीला परिधान
सुनहरे इतिहास से सजी
आन - बान - शान,
उफफ.. ये गरम धूप, तपती लू
सोचा, जाडे में ही क्यूँ न घूम लूँ,
विस्तृत किले, महल और हवेलियां
जहाँ गूँजती थी रानियों की ठिठोलियां
सतरंगी परिधान, सजीले आभूषण
झरोखों से झांकते, कजरारे नयन,
जहां नारी हर पल श्रृंगार से परिपूर्ण
वहीं दूसरी ओर स्वयं को
एक वीरांगना, एक सती की भूमिका से
अपने अस्तित्व को करती पूर्ण,
जहाँ प्रताप सी गति, चेतक की वफादारी
जहाँ शूरवीरों के लहू से सींची हर कयारी,
है अलग ठाठ, वीरों की साख
शत्रु को नश्तर चुभाती आँख,
शत शत नमन, पलकें नतमस्तक
लिखते लिखते ना भरती पुस्तक,
ऐसी है इसकी गाथा महान
ये है रंगीला राजस्थान।
