जो हम सोचते हैं वो हमें कम ही मिलता है , मंजिल तो नहीं मिलती पर हाँ रास्ता नज़र आ जाता है जो हम सोचते हैं वो हमें कम ही मिलता है , मंजिल तो नहीं मिलती पर हाँ रास्ता नज़र आ...
है अलग ठाठ, वीरों की साख शत्रु को नश्तर चुभाती आँख, शत शत नमन, पलकें नतमस्तक लिखते लिखते ना भरती... है अलग ठाठ, वीरों की साख शत्रु को नश्तर चुभाती आँख, शत शत नमन, पलकें नतमस्तक ...