रंग बदलते चेहरे
रंग बदलते चेहरे
इंसान परिधान,जमीन-जायदाद से नहीं पहचाने जाते,
उसके आचार-विचार,व्यवहार में संस्कार मायने रखते।
हर कोई सदविचार,सदव्यवहार का पालन नहीं करते,
बाहरी रूप से लोगों में देवता स्वरूप तो अंतर्मन से दानव होते।
जैसे हम फल काटे बगैर फलों के भीतर नहीं झाँक सकते,
लोगों को भी मात्र देख मटमैले मन का अंदाज़ा नहीं लगा सकते।
गिरगिट तो यूँ ही बदनाम हैं स्वरंग बदलने ज़माने में,
मानव के रंग बदलते चेहरे देखेंगे तो रंग बदलना अपना भूलें।
विश्वास और प्रेम के बाह्य रंग में रंगे होते रंग बदलते चेहरे,
विश्वास, प्रेम टूट जाये तो सदा के लिये बदरंग हो जाते चेहरे।।