रानी की माला
रानी की माला
एक रानी की कहानी
देखो है पुरानी
राजा का राज्य छिन गया
अलग हो गए राजा रानी
विथना की देखो बलिहारी
कर न सके कुछ
दोनों की लाचारी
गांव-गांव में भटकी रानी
क्या करती
सब के संग रहती
अपना भेद छुपा कर चलती
एक मोतियन की माला
गले में थी
राजवंश की निशानी
कैसे उसका भेद छुपाए
सोच रही दुखिया रानी
तभी दिखा हंस पक्षी
जिससे हो गई थी दोस्ती
उसने अपनी माला देकर
कहा उसको
इसको तुम निगल जाओ
अभी है दुख की बेला आई
भेद छुपाना बहुत जरूरी है
हंस ने वैसा ही किया
माला को निगल लिया
खत्म हुआ कठिन समय
मिल गया वापस राजा का राज्य
राजा ने सुध ली रानी की
और हंस ने माला उगला
यह खेल देखकर
सब को समझ आया
संग रही थी सब के
वह थी रानी
विदा हुई संग राजा के
सबको आभार किया !
