राधा कृष्ण
राधा कृष्ण
राधा कृष्ण की जोड़ी प्रेम की जान रे
बज रही बंसी वृंदावन में प्रेम की तान रे
राधा कृष्ण की ये जोड़ी श्वास और प्राण रे
भोली भाली राधा, दिखे गोरी गोरी
कृष्ण में खोई वह, चाँद की चकोरी
नटखट कन्हायी करता है खटपट
चोरी चोरी माखन चुरा, भागे झटपट
राधिका बिन नहीं है कन्हायी,
राधा की वह तो जान कन्हायी रे
बंसी बाजे..........
यमुना किनारे बंसी, मधुर बजाये रे
आ जा रे आ जा दिल ये पुकारे
यमुना किनारे राधा आ जा
राधा रानी दौड़ी आयीं,
कान्हा जब तू बंसी मधुर बजाये रे
दिल में राधा, तन मन में राधा
रोम रोम में व्याकुल राधा कान्हा
के तू ही समायी रे।
