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Abhishek Singh

Others

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Abhishek Singh

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पुरवाई..!

पुरवाई..!

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पवन की सर्द पुरवाई हो

झरने की मधुर आवाज़

टहनियों से पत्ते गिरते

बहते मधुर फूलों से सुगंध


स्वर्ग से अप्सरायें आतीं

धरती को करने मलंग

सुंदर मोहक दृश्य बनातीं

बना आसमान में रंगीन तरंग


दुल्हन सी सुंदर बनाती

प्रेम के सारे रंग भर जातीं

ख़ुशियों का बहार लातीं

बसंत का त्योहार लातीं


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