मैत्रेय जी कहें जब बन्दीजनों ने बखान किया पृथु के गुणों का ! मैत्रेय जी कहें जब बन्दीजनों ने बखान किया पृथु के गुणों का !
मैत्रेय जी कहें, महाराज पृथु के होंठ क्रोध से कांप रहे थे ! मैत्रेय जी कहें, महाराज पृथु के होंठ क्रोध से कांप रहे थे !
मैत्रेय जी कहें विदुर जी से कि पृथु के निन्यानवें यज्ञों से! मैत्रेय जी कहें विदुर जी से कि पृथु के निन्यानवें यज्ञों से!
जब महाराज थे नगर पधारे स्तुति की उनकी वन्दीजनों ने । जब महाराज थे नगर पधारे स्तुति की उनकी वन्दीजनों ने ।
तभी सूर्य के समान तेजस्वी चार मुनीश्वर वहां प्रकट हुए। तभी सूर्य के समान तेजस्वी चार मुनीश्वर वहां प्रकट हुए।
धर्मों का खूब पालन कर पृथु ने धरती का पालन किया ! धर्मों का खूब पालन कर पृथु ने धरती का पालन किया !