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RAJESH KUMAR

Children Stories

4  

RAJESH KUMAR

Children Stories

परीक्षा पर चर्चा

परीक्षा पर चर्चा

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परीक्षा फिर से आई

चिंता व तनाव लाई, 

खाना पीना, हुआ मुहाल 

मम्मी पापा की नसीहत ,

सुनना हुआ दुष्कर।


यह मत करो 

वह मत करो,

 टोका टाकी 

रोज़ की बात हुई।


कैसे समझाऊं 

मैंने सब अच्छे से,

पढ़ समझ लिया 

दिमाग में गढ़ लिया।


मार्च-अप्रैल 

बहुत है, भारी

 अजीब-अजीब से,

ख्वाब है, आते।


आमिर की बात 

याद है ,आती 

काबिल बनो,

कामयाबी झक मार 

कर आयेगी।


ये बात फिल्मी

असल है उलट,

 अच्छे नंबर 

मुझे भी है, लाने

पर नहीं है, आते


किससे कहूं

 कैसे कहूं ,

उलझन बढ़ी है,

 बहुत बड़ी है।


परीक्षा पर चर्चा 

लगता है, टीवी पर 

अच्छा ,2 घंटे बाद 

ही नंबरों का,

 चक्कर लेता घेर ।


क्या करोगी ?

90 वालों को भी ,

अच्छा कॉलेज नहीं है

 मिलता, नसीहत है मिलती?


यह प्रेशर, कैसे

झेला  जाए?

प्रेशर कुकर, की तरह 

हर बार, सिटी बजाए ।


बस एक बार 

सोचता हूं,

क्यों अपना सब, 

बचपन भूल जाते?

परीक्षा पर  चर्चा 

ना हो,

बस परीक्षा हो ।


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