प्रगट हुये महावीर
प्रगट हुये महावीर
बता दो कहाँ मिलेंगे वीर,
बता दो कहाँ मिलेंगे महावीर
चारोंधाम के तीर्थ करके ,
पहुँच गए कुण्डल क्षेत्र ,
बता दो कहाँ मिलेंगे वीर,
बता दो कहाँ मिलेंगे महावीर।
वो त्रिशाला के नंदन है,
सिध्दार्थ के घर जन्मे।
बाल ब्रह्मचारी रहकर ,
किया तपस्या उन ने।
जिओ और जीने दो का,
दिया उन्होंने सन्देश।
बता दो कहाँ मिलेंगे वीर,
बता दो कहाँ मिलेंगे महावीर
कई अतिशय दिखलाये,
एक ग्वाले की गाय ।
दूध टीले पर रिसया,
अतिशय वहां दिखाया।
सपने में ग्वाले को दिखाकर,
सपने में ग्वाले को दिखाकर।
प्रगट हुए महावीर,
बता दो कहाँ मिलेंगे वीर।
बता दो कहाँ मिलेंगे वीर,
बता दो कहाँ मिलेंगे महावीर।।
