प्रेम
प्रेम
1 min
399
प्रेम के बंधन को निभाते हम साथ चलें
जीवन के हर मोड़ हर पथ पर साथ चलें
जीवन भर साथ निभाने का वादा करें,
सात फेरों के समय लिए सात वचन निभाएंगे
मेरे मन के सुख दुख के साथी तुम्हीं हो
तुम ही कविता तुम्हीं गजल और गीत हो
तुम चांद मैं चकोर रोशनी चमकते नूर हो
मेरे मन की गहराइयों तक दिल की आवाज हो
मेरे सवाल भी तुम जबाब भी तुम हो
हर सांस हर धड़कन में तुम बसते हो
तुम्हारे बिन जीवन अधूरा जैसे दीया और बाती हो
तुमसे ही मेरी हर पहचान हो
प्यार तुम मेरा मैं तुम्हारा प्यार हूँ
प्रेम के बंधन को अन्त तक निभायेगे हम।