Shyam Kunvar Bharti

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Shyam Kunvar Bharti

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पोखरण उसका निशान

पोखरण उसका निशान

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रोता छोड़ गया सबको जिंदा उसकी कहानी है

धमाका पोखरण उसकी चर्चा हर हिन्द जुबानी है।


जिंदा रह बन जिंदा दिल खौफ था दुशमनों का

अजर अमर कृति उसकी हर दिल हिन्दुस्तानी है।

सड़क सुरक्षा सम्मान समाज नदी जोड़ बेजोड़ रहा

योजना परियोजना गिनती नहीं भूलना नादानी है।


थे अटल के अटल निश्चय कभी टलता नहीं था

विहार किया कविताओं में ओज जैसे मर्दानी है।

दिया दशा दिसा जोस पहुंचाया भारत ऊंचाई

दिया पटखनी पलटन दुशमन कारगिल नहीं भुलानी है।


हार नहीं माना रार नहीं ठाना दुश्मन न पीठ दिखाना

मुंह की खा भागा कायर छलिया पाकिस्तानी है।


रडार सेटेलाइट फेल हुआ फटी आंखे अमेरिका

हुआ धमाका परमाणु पोखरण उसकी निशानी है।

श्रद्धा सुमन श्रद्धांजलि अटल तुम दिल पटल रहो

झर झर बहते नैनों आँसू मत समझो ये पानी है।


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