पलकों के आंसू
पलकों के आंसू
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आंसुओं को पोंछने वाले
पलकों पर ही बिठाते हैं
अपने हो या पराए साथ
में दुवाओं में बसाते हैं ।
मुमकिन नहीं सभी साथ
दुख में सबके चलते हैं
जिसने किसी के वास्ते
वो हाथ आगे बढ़ाते हैं ।
आंसुओं की अनुभूति के
साथ जो कुछ निभाते हैं
करुणा से सरोबार होते
पराए भी अपने होते हैं ।