फलाहार
फलाहार
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अठारह जून सुबह फलाहार किया,
अपनी रोग प्रतिरोधक शक्ति को समृद्ध किया,
फलों से जीवन दान मिलेगा,
प्यारी डायरी स्वाद का वरदान मिलेगा।
दोपहर इतनी तरोताजा गुजरी,
कि पूरे मुँह से खुशबू बिखरी,
फलों से होता रक्त पतला,
बीमारियों से ये लेता बदला।
शाम को खूब दौड़ लगाई,
आज सेहत बनाने की बारी आई,
रात बिस्तर पर भी यही सोचा,
कि कल सुबह ना हो कोई लोचा।।