पैसों का पेड़
पैसों का पेड़
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बालक बोला अपनी माता से
यह फल कहां से आते हैं
हम सब इतना खाते
फिर भी खत्म नहीं हो पाती
माता बोली लाल मेरे
यह सब धरती की हैं लाल
हर फल में बीज है रहता
बीज में फल का भण्डार
सुन बात माता की वह बोला
कितना अच्छा है संसार
मैं भी लगाउ पेड़ पैसे की
जो हो बड़े दे मुझे
पैसों का अंबार।