पावन त्योहार
पावन त्योहार
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बहुरंगी है संस्कृति
भारत देश है रंग रंगीला
इन्द्रधनुषीय हैं पर्व हमारे
सभी ही हमको प्यारे,
सब पर्वों में
रंगीली फागुन की होली
धरती रंगबिरंगी हो जाती
सजी हो ज्यों रंगोली,
अवध में खेलें
होली सिया संग
रघुपति राजा राम,
और बिरज में धूम मचाते
नटखट नटवर नागर श्याम,
हर युग में हर प्रांत में
होली है जन-जन को प्यारी
होली आत्माओं को जोड़ती
हमारी।
होली को रहने ही दो इक पावन त्योहार
न पड़ने देना कभी भी ईर्ष्या - द्वेष की इसमें खार।
