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SURYAKANT MAJALKAR

Children Stories

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SURYAKANT MAJALKAR

Children Stories

नन्ही परी की पढ़ाई

नन्ही परी की पढ़ाई

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थोड़ी रुठी सी,

थोड़ी घबरायी सी।

एक नन्ही परी,

कोने में समायी थी।


टीचर की डाँट थी,

माँ से घबराहट थी।

ख़ेलकूद में मन था,

पढ़ाई से नाराज थी

कोने में समाई थी।


लाख मम्मी ने समझाया, 

प्यार से बालों को सहलाया।

वेफर समोसा खिलाया

पर वो पढाईसे नाराज थी

कोने में समाई थी।


महत्व बताने नाना आये

मामाने तौहफों के ढेर लगाये।

उसकी मगर 'हठ' थी

कोने में समाई थी।


फिर उसने मोबाईल उठाया

सोशल मिडीयाँ पे वक्त बिताया।

उसमें कुछ तो बात थी

कोने में समाई थी।


कई अच्छे विचार थे उसमें

तब बात आयी समझमें।

पंडित ज्ञानी बने है कैसे

पढ़ाई में मन लगाया था उन्होंने।


फिर वो कोने से उठी बाला

पढ़ाई में मन लगा डाला।

अव्वल नंबर से क्लास में

नन्हीं परी फुली न समायी।


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