नेताओं की पक गई वोटों की फसल
नेताओं की पक गई वोटों की फसल
नेताओं के वोटों की
फसल पक गई है जबरदस्त,
अब नेता सब है
अपने-अपने हाल में मस्त,
देकर अपने
मत का दान जनता बड़ी है त्रस्त,
मेरे देश का कैसा है ये लोकतंत्र ?
बंगाल में आज अत्याचार
और
दरिंदों की दहशतगर्दी,
चारों तरफ़ लूट-हिंसा जारी है
और
आगजनी की वारदातों का दर्द,
क्यों जल रहा है आज बंगाल ?
बस यही है क्या भारतीय लोकतंत्र
जहां जनता ने
विकास की आशा से अपना मत था दिया,
कुर्सी की चाहत ने
नेताओं को अंधा बना दिया,
भ्रम जनता का टूट रहा है
आदरणीय मोदी जी,
देकर वोट आपको
जो पाल रखा था मन में भ्रम मोदी जी,
वो सब्र सब जनता में आज टूट रहा है,
ममता जी तो ऐसे रुठ गई है
जीत के बाद मन से अपने,
जैसे उनके घर आ गई है कोई उनकी सौतन,
जीत के बाद माहौल शांति का होना चाहिए,
श्रीमति जी के गुंडाराज में गुंडों ने वो हश्र किए,
जल रहे घर-लूटी जा रही बहन बेटियों की असमतें,
ले रही है बदला जाने किस बात का ममता,
लगता है ये कहीं पूर्व पुनः काश्मीर न बन जाये,
बंगाल का हाल कश्मीर-सा बन जाये,
बंद करो मोदी जी दूध पिलाना आस्तीनों के सांपों को,
अभी वक्त है झटका दे दो ऐसे कर्महीन नेताओं को !!
