मुखर विंद मुस्कान हो
मुखर विंद मुस्कान हो
1 min
186
वाणी सहज मधुर हो मैया
मुखर विंद मुस्कान हो
लोभ मोह माया दरिद्रता
ना कोई अभिमान हो
तेरा व्रत में रखूं
संकल्प यही लेता हूं
दुर्गुण ना मुझको छूए
हर मद को दूर भगाए
तेरी कृपा रहे मैया
ना कोई प्रतिघात हो
वाणी सहज मधुर हो मैया
मुखर विंद मुस्कान हो।
