मस्तो के साथ
मस्तो के साथ
मस्तो के साथ मिलकर मस्ताना हो गया हूँ
साधे के साथ मिलकर सहाना हो गया हूँ
एक घुट ही पिलाई थी गुरुदेव ने मुझको
एक घुट से यारो महखाना हो गया हूँ
मन मे भक्ती सी घाने लावी भाइयो राम रंग
चुनरिया रंगी भाई
हरी ॐ हरि ॐ हरि ॐ
प्याली या फिर पिलाई फकिरी हमे
नाम जप की चढ़ाई खुमारी हमे
उनके चरनो मे जाना गजब हो गया
हरी ॐहरी ॐ
गुरू सतसंग ने अज्ञाण हर लिया
गुरू दर्शन ने मन मे उजाला किया
गुरू नजरो मे आना गजब हो गया
हरि ॐ हरि ॐ
गुरू ने राहे मंजिल दिखाई हमे
मुक्त होने की कुंजी बताई हमे
कुंजी मिलते ही चारो गजब हो गया
और भक्तो के अनुभव सुनो
बैठे थे जमी पर फलक पे बिठा डाला
हम क्या थे और क्या बना डाला
आम के पेड को लगने मे तो बरसो लगते हैं
लेकिन गुरू ने तो बबुन के पेड से सीधा आम बना डाला
हम थे सोये हुए फिर जगाया हमे
हम थे भटके हुए फिर
साधक पे यारो करम हो गया
हरि ॐ हरि ॐ।
