STORYMIRROR

Sandeep Murarka

Others

3  

Sandeep Murarka

Others

मन्दी वाली दिवाली

मन्दी वाली दिवाली

2 mins
252

खुदरा दूकानदारो छोटे व्यापारियों

सूक्ष्म उद्यमियों को समर्पित-

ए दिवाली तुम इतनी जल्दी क्यूँ चली आई  

क्या तुम्हें पता नहीं देश मेंं अभी मंदी छाई है


मिठाई तॊ मैँ फिर भी ले आऊँगा  

पर पटाखे कैसे खरीद पाऊँगा ?

साफ सफाई तॊ हो जाएगी  

पर सजावट कैसे कर पाऊँगा ?


कहेंगे घरवाले नए कपड़ों के लिए जब  

तब उनको मैं क्या बहाना बताऊंगा ?

पूजा की तैयारी तॊ हो जाएगी  

पर गिफ्ट शायद ही बाँट पाऊँगा


गाय मुस्लिम में उलझा देश मेरा  

जाने कब मन्दी से उबर पाएगा ?

फ्लिपकार्ट एमेजॉन में बरस रहा सोना  

बाजार में अब ग्राहक कहाँ से आएगा


रिलायन्स बिगबाजार का बढ़ रहा साम्राज्य  

बचे खुचे व्यापार पर हुआ मॉल वालों का राज

पूजा बोनस की कमाई से होते थे जो काम  

इनकम टैक्स जीएसटी को भर दिए वो दाम


लाइसेंसों से फाइलें भरी पड़ी है  

अभी भी कई नोटिस नई खड़ी है

सेलरी देना हुआ मुश्किल  

बोनस क्या खाक दे पाऊँगा


नया व्यापार करना हुआ सपना  

क्या पूराने को भी बचा पाऊँगा ?

छोटे व्यापारी उद्यमियों की मन्दी अब उबरने से रही  

ओला-उबर के जमाने मेंं ऑटो-टैक्सी चलने से रही


ए दिवाली तुम इतनी जल्दी क्यूँ चली आई  

क्या तुम्हें पता नहीं देश मेंं अभी मंदी छाई है

कोई बात नहीं अच्छा है  

फिर पुराना जमाना आएगा


आमपत्तों और केला गाछ से होंगी सजावट  

मिट्टी के दीयों से अपना शहर जगमगाऐगा

नहीं छूटेगें पटाखे ऊंचे ऊंचे बड़े बड़े  

फुल्झरीयो चकरी से बच्चे खुश हो जायँगे

बन्द होगा ड्रायफ्रूट्स गिफ्ट का फैशन  


हलवा हर घर मेंं फिर बनाया जाएगा

चूँकि होंगे नहीं सेलिब्रेशन डिनर इस साल  

रिश्तेदारों का घर फिर फिर याद आएगा

होगी देवी लक्ष्मी की आराधना  


व्यापारी सच्ची दिवाली मनाएगा

ए दिवाली अच्छा हुआ तुम जल्दी चली आ गई  

हुई सफाई हटी धूल आईने से सच्चाई नजर आ गई।


Rate this content
Log in