मनभावन बसंत
मनभावन बसंत
1 min
221
ऋतुराज बसंत आ गया
मनभावन लगता चहुं ओर II
बेलपत्र हैं शिव पे चढ़ाते
दूध से करते हैं अभिषेक ;
शिव भक्ति के रस में डूबे
करते नृत्य दिखें सब ओर II
एक दूजे को रंग लगाते
होली का त्योहार मनाते ;
प्रेम भाव से भीग रहे सब
बौछार रंगों की है हर ओर II
उड़ती पतंग के संग उड़े मन
छोड़के सब बेड़ी-बंधन ;
सब हों सुखी खुशहाल यहां
मन्नत मांगूं ये कर जोड़ II
ऋतुराज बसंत आ गया
मनभावन लगता चहुं ओर II