मेरी माँ
मेरी माँ
किससे करुँ तुलना ओ मेरी माँ
तू तो अतुलनीय है
भगवान को मैंने देखा नहीं
उसकी झलक तुझमे ही पाई है
हर पल, हरदम साथ है मेरे
त्याग, करुणा की सुन्दर मूरत
वो तो मेरी माँ ही है
जन्म जो पाया तेरी कोख से
धन्य मेरा जीवन हो गया
पहला शिक्षक, अंतिम इच्छा,
तू है मेरी माँ
दस्तूर दुनिया के देखे अनेक
सब जन स्वार्थपरता के बादल ओढ़े
सब झूठे बस तू ही सच्ची
सबसे प्यारी मेरी माँ
साथ नहीं पर साथ है मेरे
सरहद पार खड़ा हूँ माँ
रब से यहीं दुआ मनाऊं
हर जन्म तेरी कोख से पाउँ
ओ प्यारी मेरी माँ
ना जाने कितने कष्ट सहे
मुझे पाने की ख़ातिर
सुख-दुःख अपना भूल गयी
थोड़ी सी मेरी आहट सुनकर
हंस के मुझे गले लगाया
धन्य हुआ मै, धन्य हुआ
ओ मेरी माँ, मै तुझको पाकर
जब तक रहूं यहाँ मैं
तेरा ही साथ चाहता हूँ
हर जन्म तू ही मेरी माँ
बने ख़ुदा से यहीं दुआ मांगता हूँ।