STORYMIRROR

Manishaben Jadav

Others

3  

Manishaben Jadav

Others

मेरे पिताजी

मेरे पिताजी

1 min
258


जब मैं छोटी थी

हाथ पिताजी का पकड़ के

        दुनिया घूमने जाती थी।

पिताजी आदर्श की बाते कर

         राह नयी दिखाते थे।

रातको जब मुझे निंद नही आती

         परी की कहानी सुनाते थे।

रामचंद्रजी के वचनपालन की

           बात हमें सुनाते थे।

कहानी सुनाने से

       संस्कृति का ज्ञान हमें देते थे।

जब हम गए पाठशाला मे

      सत्य बोलना हमें सीखाते थे।

दूसरे की मदद करना 

       हमेंशा मुझे समझाते थे।

जब मै डर जाऊ किसी से

       डर मेरा दूर करते थे।

माता पिता की हर आज्ञा का

       पालन करना सिखाते थे।

अपने रोजगार मे प्रामाणिकता

        हमें दिखलाते थे।

पिताजी मुझे जिंदगी की

      हर नईं राह बताते थे।


Rate this content
Log in