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Tripti Dhawan

Children Stories

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Tripti Dhawan

Children Stories

मेरे पापा की साइकिल

मेरे पापा की साइकिल

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घर में गाड़ी घोड़ा सब ठीक है,

पर पाप की गाड़ी तो हैलीकॉप्टर पर भारी,


मंदिर से बाजार तक, ऑफिस से घर द्वार तक

सब्जी का झोला भी इस पर आटे की बोरी भी


पापा की साइकिल पर नाती पोते

कभी समान की झोली भी


एक समय हम भी इसी सायकिल पर समय बिताते थे,

पापा ऑफिस से आते थे और हम उनके साथ उड़ जाते थे,


पर जबसे लॉक डाउन आया है किसी डॉन की तरह

मेरे पापा की साइकिल वाला हेलीकॉप्टर भी हाइजेक हो गया


पर ये साइकिल सारी गाड़ियों पर भारी है,

क्योंकि ये हमारे पापा की मनपसंद सवारी है।


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