Vinay Panda
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दिन-प्रतिदिन
नित्-रोज तुम आगे बढ़ो..
अपनी इन बूढ़ी आँखों से
जब भी देखूँ तुझे
बेटा जीवन तेरा बुलन्दी पर हो..!
हिंदुस्तान की...
क़लम तू लिखती ...
झुकना मत कभी
बेरोज़गारी में...
भारत माँ के व...
राखी
प्रेम का अनुब...
मेहरारू मतलब ...
जल है तो जीवन...
मन