जो पहुंचा अपने घर वो मजदूर हूँ हाँ मैं मजबूर हूँ। जो पहुंचा अपने घर वो मजदूर हूँ हाँ मैं मजबूर हूँ।
व्यर्थ ही लगती बातें निरर्थक लगते सब कानून जब आज भी श्रम धनी,वही किल्लत झेल रहा। व्यर्थ ही लगती बातें निरर्थक लगते सब कानून जब आज भी श्रम धनी,वही किल्लत झेल र...