मैं एन्टी-सोशल नहीं!
मैं एन्टी-सोशल नहीं!
हाँ ये सच है मैं बोलना नहीं जानती,
हाँ नहीं आती मुझे बेवजह बातें
करना,
बार बार किसी से अपना मन नहीं
बाँट सकती मैं
बार बार या फिर शायद कभी
भी नहीं।
हाँ आप मुझे एन्टी-सोशल कह
सकते है,
बोरिंग कहना चाहे तो वो भी
आई डोंट माइंड
हाँ ये सच है मुझे मोहब्बत का
इज़हार करना नहीं आता,
और ये भी सच हैं की कभी
आएगा भी नहीं ।
मैं कभी तुमसे ये नहीं कहूंगी की
तुम बहुत अच्छे हो,
पर मेरे आंखों में झाँक कर तुम
उस लव यू को सुन लेना
हाँ हो सकता हैं तुम्हारे सामने
कभी रोऊ भी नहीं,
जब मेरे लबों पर हँसी हद से
ज़्यादा बढ़े तो समझ लेना,
इस दुनिया को तो नहीं समझा
सकती पर तुम्हें बता रही हूँ।
जब मैं बेवजह यूँ ही तुम्हें देखूँ
तो मेरे दिल में हो रही हलचल
को ज़रूर समझना,
और हाँ मैं अगर सारी रात भी
रो लू न तो मेरे चेहरे से ज़ाहिर
नहीं होता है
पर तुम मेरे अंदाज़ को ज़रूर
परखना।
वैसे,
छोड़ो तुम तो बस ऐसे बन जाना
के तुम्हारे सामने मैं रो भी पाऊँ
और हँस भी सकूँ।
हाँ ये सच है मैं बोलना नहीं जानती
पर मैं एन्टी-सोशल नहीं हूँ मेरा
यकीन करो।