मै अनमोल हूँ अपनी क़ीमत से ज्यादा
मै अनमोल हूँ अपनी क़ीमत से ज्यादा
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ये शोहरत इज्जत कुछ नही क़िस्मत से ज्यादा
दरख्वास्त तुम्हारी है ज़रूरत से ज्यादा
मै बिक जाऊं ऐसे ये मुझे मंज़ूर नही
मै अनमोल हूँ अपनी क़ीमत से ज्यादा
तवज्जो देते नही लोग यूँ अब तकब्बुर में
मै बदनाम हूँ अपनी शराफ़त से ज्यादा
हर शख़्श मिला मुझे मेरा ही अब साया
वो मुझ जैसा ही मिला मेरी रंगत से ज्यादा
मेरी तक़दीर करती है यूँ मुझसे ही रक़्स
तुझे कोई चाहता है इबादत से ज्यादा