खुली किताब होके भी कुछ पन्ने छुपा लेना पढ़ने के बाद किताबो कि क़ीमत नहीं रहती मेरे यार..... खुली किताब होके भी कुछ पन्ने छुपा लेना पढ़ने के बाद किताबो कि क़ीमत नहीं रह...
मै बिक जाऊं ऐसे ये मुझे मंज़ूर नही मै अनमोल हूँ अपनी क़ीमत से ज्यादा मै बिक जाऊं ऐसे ये मुझे मंज़ूर नही मै अनमोल हूँ अपनी क़ीमत से ज्यादा
बिक जाता हैं चंद सिक्को में, ईमान की क़ीमत कुछ भी नहीं। बिक जाता हैं चंद सिक्को में, ईमान की क़ीमत कुछ भी नहीं।