STORYMIRROR

Dr. Pradeep Kumar Sharma

Children Stories

3  

Dr. Pradeep Kumar Sharma

Children Stories

माँ

माँ

1 min
34

मेरा दु:ख, माँ का दु:ख

मेरी खुशी, माँ की खुशी

चोट मुझे लगती है

मेरी माँ रो पड़ती हैं।

खाना मैं खाता हूँ

माँ तृप्त हो जाती हैं।

मुझे सुलाकर ही सोती हैं

पर वे ही सबेरे जगाती हैं।

मेरे हर मर्ज की दवा

मेरी माँ ही होती हैं।

ईनाम मैं पाता हूँ

माँ खुश होती हैं।

परीक्षा में पास मैं होता हूँ

मिठाई माँ बाँटती हैं।

माँ, तुम कितनी अच्छी हो

अपने हिस्से की मिठाई भी 

मुझे खिला देती हो।


రచనకు రేటింగ్ ఇవ్వండి
లాగిన్