मां मै बिल्कुल तुम्हरी जैसी
मां मै बिल्कुल तुम्हरी जैसी
तमाम उम्र नखरें दिखाने के बाद
जरूरत से ज्यादा अकड़ने के बाद
मायके से ससुराल विदा होने के बाद
ससुराल को अपना घर बनाने के बाद
मुझे खुद में अपनी मां दिखाई देती है ।।
आंखों से आंसू बहाने के बाद
ससुराल को घर बनाने के बाद
बहूरानी से मां बन जाने के बाद
माथें पर थोड़ी झुर्रियां आनें के बाद
प्यार, दुलार, ममता लुटाने के बाद
आंखों को थोड़ा झुकानें के बाद
पहले नादान होने के बाद
फिर नादानी खोने के बाद
आपने जो तब कहा था
वह मुझे आज सुनाई देती है
मुझे खुद में अपनी मां दिखाई देती है ।।
मां आपकी वह कमियां
जिनसे मैं तब शर्माती थी
धीरे-धीरे गौर किया तो
इन सबको खुद में पाती हूं
सुपर मॉम से मॉम हुई थी जब
आप पर मैं तब झल्लाई थी
सच कहती हूं सुपर मॉम तो
मैं भी कभी नहीं बन पाई थी
जाने मेरी कितनी उम्मीदें थी
आपसे जो पूरी ना हो पाई थी
कसम लगे मुझे मेरे बच्चों की
मुझसे भी ना पूरी हो पाई
कभी -कभी आईने के सामने
जब मैं गोल बिंदी लगाती हूं
उस चटक लाल बिंदी में मैं
तुझको ही तो सामने पाती हूं
मुझे खुद में अपनी मां दिखाई देती है ।।
काश ! यह सब जब आप यही थी
आप से सीधे सब कह पाती
काश! तेरे आंचल में छुप कर
फिर वही लाड़ जतला पाती
सच कहते हैं लोग भी देखो
वक्त सब सीखा ही देता है
आपने जो उस वक्त कहा था
मां वो सब आज सुनाई देती है
सच मानों मां मुझे खुद में
अब आप दिखाई देती हैं ।
