मोहताज नहीं है किसके साथ की, अब शब्दों से खुशी ही मिलती है। मोहताज नहीं है किसके साथ की, अब शब्दों से खुशी ही मिलती है।
अंत में होगी जीत तुम्हारी, उसकी ना चिंता करो, बुलंद हौसलों संग जिंदगी का आकलन किया करो अंत में होगी जीत तुम्हारी, उसकी ना चिंता करो, बुलंद हौसलों संग जिंदगी का आकलन...
खुले आसमान की चिड़िया थी मैं, पंख काट कर दरिंदों ने जमीन पर गिराया है। खुले आसमान की चिड़िया थी मैं, पंख काट कर दरिंदों ने जमीन पर गिराया है।